करीब एक साल पहले हरियाणा के जिला पानीपत के नामी प्रापर्टी डीलर एवं मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन हरपाल गाहल्याण की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। हरपाल गाहल्याण की हत्या उनके ही बेटे शुभम ने ही उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर से की थी। पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट से इसका राजफाश हुआ है।


पुलिस ने रविवार शाम बेटे को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने गुनाह कुबूल कर लिया। पुलिस ने उसे तीन दिन की रिमांड पर लिया है। शुभम चार बहनों का इकलौता भाई है। जानकारी के अनुसार शुभम दिल्ली में बीबीए की पढ़ाई कर रहा था। पुलिस पूछताछ में उसने नशे की आदी होने की बात स्वीकार की है। नशे के लिए उसे हमेशा पैसों की जरूरत होती थी।



प्रापर्टी में घाटे से पिता उसकी सारी मांग पूरी नहीं कर पा रहे थे, जिससे वह परेशान रहता था। नवंबर 2020 में वह समालखा के पंचवटी कालोनी स्थित अपने घर आया था। नशे की लत पूरी नहीं होने से नाराज था। पिता से पैसे नहीं मिलने पर उसने 23 नवंबर, 2020 की रात पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से दो गोली मारकर हत्या कर दी।


सीआईए-टू प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि 23 नवंबर 2020 की रात समालखा की पंचवटी कालोनी वासी हरपाल की गोली लगने से मौत हो गई थी। हरपाल की पत्नी ने पुलिस को बताया कि पूरा परिवार खाना खाने के बाद सो गया था।


कोरोना महामारी के कारण प्रॉपर्टी में घाटा लगने से पति तनाव में रहते थे। रात करीब 12 बजे उसने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुदकुशी कर ली। पुलिस ने इस बयान पर 174 की कार्रवाई कर पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद हरपाल के लाइसेंसी रिवाल्वर और विसरा को जांच के लिए मधुबन के एसएफएल लैब में भेजा था।


पोस्टमार्टम और मधुबन एफएसएल की रिपोर्ट आने पर उसकी गहनता से समीक्षा की। फिर जनवरी 2021 में मामले में 302 और आम्र्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। रविवार शाम हरपाल के बेटे शुभम को शक के आधार पर गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो मामले से पर्दा उठ गया।